कवितागीत
नमन माँ शारदे
नमन मंच
आयोजन--सा रे गा मा #अंत_का_आरंभ_भाग--२
दिनांक--०४/०३/२०२१
वार---गुरुवार
विधा--दोहा गीत
विषय--इजहारे_मुहब्बत
दिल सोचे हरपल यही , कैसे हो इजहार।
सुनकर बातें रस भरी, हो गया मुझे प्यार।
(लड़का )
छा रहा नशा प्यार का, दिल मेरा बैचेन।
जाने कब कैसे मिले, पागल दिल को चैन।
बंधन तुम हो प्रीत का, तुम मेरा संसार।
दिल सोचे हरपल यही, कैसे हो इजहार।
(लड़की )
तुम हरि मैं राधा बनूँ, ऐसी अपनी प्रीत।
तुम मुरली की तान तो, मैं उसका संगीत।
तुम सिंधु से मौन बड़े, मैं चंचल सी धार।
दिल सोचे हरपल यही ,कैसे हो इजहार।
(लड़का)
दोनों तरफ लगी अगन, दिल में है तूफान।
मन बावरा तरस रहा, दबा सभी अरमान।
दृग से झलके प्यार है, होठों पर इंकार।
दिल सोचे हरपल यही, कैसे हो इजहार।
(लड़की)
होता वहाँ प्यार नहीं, जहाँ हो हार- जीत।
धड़कनों पर नाम लिखा , तेरा ही मनमीत।
ले लो अब आगोश में, मिलन करो साकार।
दिल सोचे हरपल यही, कैसे हो इजहार।
सुनकर बातें रस भरी, हो गया मुझे प्यार।
दीप्ति शर्मा"दीप"
जटनी( उड़ीसा)
स्वरचित व मौलिक