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कोई तो खास है - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

कोई तो खास है

  • 154
  • 3 Min Read

कोई तो खास है
जिसके सामने ज़ुबान नही खुलती।

पल पल में रूठना
और पल भर में मानना,
जिसके इज्जत के खातिर
खुद नीलाम हो जाना,
उसके कहे के सामने
खुद का चुप रह जाना,
बात तन्हाई की हो
या अलविदा होता ज़माना,
इन सिलसिलों के आगे
ज़ुबान नही खुलती।
कोई तो खास है
जिसकी नज़रों पे नज़रें नही चढ़ती।

बेचैनियों में भी
जिसका इंतज़ार करना,
उसका एहसास ही
मरहम बन जाना,
ढूंढती हों निगाहें जिसे
उसकी राह पर चल देना,
महक मिलन की हो
या अलविदा होता ज़माना,
इन आहटों के सामने
नज़रें, नज़रों पर नही चढ़ती
कोई तो खास है
जिसके सामने ज़ुबान नही खुलती।

शिवम राव मणि

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

प्रपोजल
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