कवितागीत
सुन रही हो ना ये दिल कर रहा है तुम से ही बातें.....
आंखों में तुम, ख़्यालों में तुम,
अब मेरी ज़िन्दगी बन गई हो तुम ।।
सुन रही हो ना.....
(नायक- क्यों ख़ामोश हो कुछ बोलो.... बोलो ना)
नायिका:
दिल ये चाहे मेरा कह दूं आज जो है दिल में मेरे,
आती है एक हया......
जल्दी है किस बात की तुम ठहरो ज़रा...
नायक:
बीत जाएं न ये पल कहीं,
है जो बात दिल पे लब पर लाओ ज़रा
किसका इंतज़ार है.....
सुन रही हो ना.......
(दोनों हंसते हुए)
हां मुझे तुमसे प्यार है, इक़रार है ....
ये दिल तुम्हारे लिए ही दिनों रात बेक़रार है......
मुझे तुमसे प्यार है....... प्यार है...... ।।
डॉ यास्मीन अली।