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फागुन दोहे - Basudeo Agarwal "Naman" (Sahitya Arpan)

कवितादोहा

फागुन दोहे

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(दोहा छंद)

फागुन की सब पे चढ़ी, मस्ती अपरम्पार।
बाल वृद्ध सब झूम के, रस की छोड़े धार।।

फागुन में मन झूम के, गाये राग मल्हार।
मधुर चंग की थाप है, मीठी बहे बयार।।

दहके झूम पलाश सब, रतनारे हो आज।
मानो खेलन रंग को, आया है ऋतुराज।।

घुटे भंग जब तक नहीं, रहे अधूरा फाग,
बजे चंग यदि संग में, खुल जाएँ तब भाग।।

वृन्दावन में जा बसूँ, मन में नित ये आस।
फागुन में घनश्याम के, रहूँ सदा मैं पास।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

👌🏻

Basudeo Agarwal "Naman"3 years ago

आभार

प्रपोजल
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