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भूला मुझको दिया.. - आकाश त्रिपाठी (Sahitya Arpan)

कवितागजल

भूला मुझको दिया..

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खता किसी और की थी, गिला मुझसे किया।
चोट किसी और से मिली, रास्ते से हटा मुझको दिया।
मैंने तो सिद्दत से तुम्हें चाहा, और चाहेंगे हरदम।
वो बात अलग है..
भुलाना ज़माने को था, और भुला मुझको दिया।

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

यह रचना इतनी है क्या 🤔

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