कविताअतुकांत कवितागजल
तेरी आंखों का काजल
इन खुबसूरत आंखों में
खो जाने का दिल चाहता है,
जो बातें लफ़्ज़ों से बयां ना हो
वो तेरी काजल लगी नैन बयां करती है,
इन मासूम निगाहों से ना देख
दिल की धड़कनें तेज होने लगती है,
ये आंखें बिना काजल के फिकी है
काजल इन आंखों की खूबसूरती है,
तेरी आंखों के काजल तेरी खुशी,
तेरी ग़म बयां करती है....
जब तुम खुश होती है
तेरी काजरारी आंखें खील जाती है,
इन काजरारी आंखों का दिवाना मैं
इन्हें देख जिंदगी जीने का हौसला मिलता है,
माना मैंने खो दी थी अपनी आंखें
पर ग़म नही इन आंखों से दुनिया देखेंता हु मैं,
देख नही सकता मैं ,तेरी काजरारी आंखें
पर महसूस कर सकता हूं,इन आंखों में अपना प्यार,
धन्यवाद
सीमा कृष्णा सिंह 🙏
रचना से जुड़ी तस्वीर भी लगा लीजियेगा रचना और खूबसूरत हो जाएगी।
Ok