Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
संकल्प - Amrita Pandey (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

संकल्प

  • 308
  • 7 Min Read

सामने लगे बड़े से पर्दे में किसी नृत्यांगना का नृत्य चल रहा था। हरिप्रिया चाची अपने अतीत को याद करने लगीं, जब छोटी सी उम्र मे ही छुप छुप कर बहुत अच्छा मृत्य करने लगी थीं। उनकी इस रूचि को देखते हुए  एक शिक्षिक ने उनके पिता से उन्हें किसी अच्छे डांस स्कूल में प्रवेश दिलाने का सुझाव दिया था परंतु पिता नहीं माने। कुछ बड़ी होने पर अपनी इसी शिक्षिका की सहायता से हरीप्रिया चाची ने पिता के विरोध के बावजूद भी भारतनाट्यम सीखाऔर  पिता की नाराज़गी मोल ले ली। मगर बहुत ही ज़ल्द हरिप्रिया चाची एक प्रसिद्ध नृत्यांगना बन गईं और देश विदेश में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगीं।

भाग्य जब रूठता है तो कुछ नहीं देखता। एक दिन जब वह स्टेज परफॉर्मेंस दे रही थीं तो नृत्य करते करते ही एक दुर्घटना हो गई जिसमें चाची का एक पैर बेकार हो गया। डॉक्टर ने बताया कि लंबे समय तक वे नृत्य नहीं कर पाएंगीं। बहुत लंबे समय तक वो नृत्य कला से दूर रहीं। कृत्रिम पैर लगाया गया पर कुछ समय बाद वह भी धोखा दे गया।

इधर बढ़ती उम्र के साथ साथ कुछ शारीरिक तकलीफों की वजह से चाची व्हीलचेयर पर आ गई थीं। अचानक पर्दे पर किसी नर्तकी का नृत्य चलने लगा। उसे देख कर चाची ने एक बार फिर संकल्प लिया," उम्र चाहे कुछ भी हो, मैं धीरे-धीरे व्हीलचेयर का सहारा छोडूंगी और पुनः नृत्य  का आनंद लूंगी स्टेज परफारमेंस के लिए ना सही अपनी आत्म संतुष्टि और अपने सुख के लिए।"

Screenshot_20210223-113652_Chrome_1614071605.jpg
user-image
Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बढ़िया

Amrita Pandey3 years ago

धन्यवाद।

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG