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सफर जारी रखो - Bharti यादव (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

सफर जारी रखो

  • 363
  • 2 Min Read

सफ़र जारी रखो

राह दिखती नहीं आसान हो..
मुश्किल में लगती जान हो...
दे रहा ना कोई साथ हो...
मंजिल की ना कोई आस हो...
निराशा की बह रही बयार हो...
महसूस चहुं ओर बस अंधकार हो...
पर...ना रूको.... ना डरो..
पर्वतों सी अडिगता अंगीकार करो...
हौसलों से पंख पसार चलो...
घबरा कर पग ना पीछे चलो...
हालात हों कुछ भी,मगर..
सफ़र जारी रखो...

भारती यादव ' मेधा '
रायपुर छ्तीसगढ भारत

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 4 years ago

बहुत खूब

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

bahut sundar rachna'

प्रपोजल
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