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वर्क फ्रॉम होम - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

वर्क फ्रॉम होम

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आज सोचा कुछ खुराफात की जाए। एक समूह में घुस गई। वहां लिखा था घर बैठे कमाए। मैंने सोचा शुरुआत यही से की जाए। मैंने मैसेज कर दिया इंटरेस्टेड, मैडम इनबॉक्स में आई और कहा कि आप मुझे व्हाट्सअप करें मैं आपको डिटेल भेजती हूँ। मैंने सोचा दुबई का नम्बर तो नही दूँगी। एक भारतीय टेम्परेरी नम्बर है मेरे पास जिसका सिम लगभग बन्द होने की कगार पर है पर उसका व्हाट्सअप चल रहा है। मैंने सोचा की चलो यही सरका देती हूं। नौकरी तो वैसे भी नही करनी क्योंकि साहित्य अर्पण का ही कार्य बहुत है। आज दिमाग काम में नही है थोड़ा मन भी अजीब है तो किसी की फिरकी ली जाए। यही सोचकर मैंने बेकार वाले व्हाट्सअप का नम्बर सरका दिया। नम्बर मिलते ही फोन पर मैसेज आ गया। मैसेज में लिखा था कि फलाना समय पर ज़ूम मीटिंग है और आप मीटिंग में आएं सबको सुने उसमें सभी डिटेल दी जाएंगी। मैंने सोचा आज तो देखा ही जायेगा जो भी होगा। वैसे भी स्प्राइट पी रखी है तो डर के आगे जीत हो सकती है। ध्यान रखियेग़ा यह मैंने पैसे कमाने के लिए तो बिल्कुल भी नही किया। बस मस्त मौला बेफिक्री सी पहुंच गई मीटिंग में। मुझे बड़ा मजा आता है ऐसी मीटिंग में जिसमें अपना कोई लेना देना ना हो मजे से सुनो। जैसे बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसा कुछ। वैसे मैं जिस समय पहुंची तब तक उनकी आधी मिटिंग निपट गयी थी। यह मीटिंग थी प्रोडक्ट्स को बेचने की.... कौन से प्रोडक्ट्स थे यह मैं नही बताऊंगी वेल नोन कम्पनी है। कही कम्पनी का नाम सुनकर मेरे ही कुछ दुश्मन न उग आए वैसे भी दुश्मनों की लिस्ट लम्बी है मेरे खिलाफ। इस बात की ज़ूम मीटिंग देखकर पहले तो मेरा सिर चकराया। फिर उसके बाद सबकी बात सुन सुनकर मैं बहुत देर तक पेट पकड़कर हँसी। दरअसल हम यूपी वाले हैं हर बात में मजे ढूंढ लेते हैं। उस मीटिंग में अपना उल्लू सीधा करने जैसी बात हो रही थी।

पहले एक महाशय ने पूरे एक घण्टे बैकैती की प्रोडक्ट के बारे में जिसकी पूंछ ही मेरे हाथ में आ पाई। उसके बाद पता नही कहाँ से 15 साल 16 साल के बच्चे मीटिंग में ढूंढकर लाया बोलने के लिए कह रहा था कि ये सभी डायरेक्टर है प्रोडक्ट के। इतने सारे डायरेक्ट फ्री में बंट रहे थे। उसके बाद सब बच्चों ने एक ही बात बोली। मैं स्टूडेंट हूँ पढ़ रही हूँ। पहले मेरे अंदर बिल्कुल कॉन्फिडेंस नही था मेरा पढ़ाई में मन नही लगता था इन प्रोडक्ट्स को बेचने के बाद मेरी जिंदगी अच्छी हूँ गयी मेरी पढ़ाई में नम्बर अच्छे आने लगे। कोई ये तो बताए जरा की प्रोडक्ट बेचे जा रहे थे या चाटे जा रहे थे बुद्धि लाने के लिए। एक बार को लगा कि चैट में लिख दूँ ये सब फिर लगा चुप रहकर तमाशा देखती हूँ।

फिर एक लड़का आया वह भी बच्चा ही था 18 साल का होगा। उसने बोलना शुरू किया। मैं घर में बन्द बन्द रहता था मम्मी पापा से पैसे लेता था अपने शौंक पूरे करने के लिए फिर यह प्रोडक्ट्स को बेचना शुरू करने के बाद मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और घर पर बैठकर यह प्रोडक्ट्स बेचने लगा। इन शार्ट मतलब उसने घर में ही दुकान खोल ली। उसके कपड़े देख कर लग रहा था और फैशनेबल हेयर कट से लग रहा था अच्छे घर का बेटा है पैरों पर कुल्हाड़ी नही लगी। कुल्हाड़ी पर पैर दे मारा है जान बूझकर।

तीसरे नम्बर पर कॉलेज स्टूडेंट था। पहले लड़कियों से बात करते हुए भी डरता था फिर पूरे दिन जॉब करने से बेहतर लगा की कुछ घण्टे का काम ही सही है पूरे दिन की झिक झिक से। इसलिये अब मैं ये प्रोडक्ट्स बेच रहा हूँ। जिससे मेरी पर्सनालिटी निखर गयी है।

बिल्कुल ऐसा लग रहा था जैसे इन सबको रट्टा लगवाकर वहां स्पीच के लिए बिठाया गया हो। मैं हँस हँसकर लोट पोट हो रही थी। उसके बाद जो आंटी आई उन्होंने तो बिल्कुल हद ही कर दी। उनकी स्पीच सुनकर ऐसा महसूस हो रहा था कि आज या तो नेहा रहेगी या उसके फेफड़े रहेंगे।

आंटी ने आते ही कहा कि मैं किसी मीटिंग में नही जाती आज भी मैं बस 10 मिनट के लिए आई हूँ। आंटी ने कहा 10 मिनट था चूस आधा घण्टा लिया। पर जितना भी समय रही एंटरटेनमेंट में कमी नही छोड़ी। तो आंटी का भाषण कुछ यूं शुरू हुआ।

यहां मुझे मेरे सारे बच्चे दिख रहे हैं मैं इतनी स्टेज पर सम्मानित हुई वहां हमेशा स्टेज पर थी तो मेरे बच्चों से मिल नही पाती थी आज यहां देख रही हूं बहुत समय के बाद।

चलो खैर यहां तक तो सही है आंटी ने एक या 2 मिंट की स्पीच में सामान के बारे में बताया उसके बाद फिर वो शुरू हुई। मैं आज इसी सामान से करोड़ों कमाती हूँ। मेरा घर इतना बड़ा है कि नीचे से ऊपर जाने के लिए लिफ्ट का प्रयोग करना पड़ता है। बाहर आंगन है मेरा 10 साल का बेटा है जो कहता रहता है मम्मी आज इंटीरियर चेंज करते हैं तो हम हर महीने इंटीरियर बदलवा देते हैं। मेरे घर में 10 गाडियाँ हैं। कल ही मेरा बेटा कह रहा था कि मम्मी ग्राउंड फ्लोर पर गेराज में मरसीडीज पड़ी पड़ी जंग खा रही है उसे निकाल लेते हैं। मैंने मेरे बेटे से कहा बेटा गाड़ी है तो सही तेरा जो मन करे ले जा। इतना सुनकर मैं फर्श पर गिरने ही वाली थी हँस हँस कर कि फिर बोली। आज मेरे पास इतनी सारी धन संपत्ति है इसी प्रोडक्ट्स की वजह से आप लोगो के पास भी हो सकती है आप लेकर आइये सभी को ऐसी ज़ूम मीटिंग में लोगो को तैयार कीजिये और प्रोडक्ट को फैलाइये। चलिये मैं चलती हूँ मेरी आज 4 पार्टीज भी हैं सभी बारी बारी अटेंड करनी है।

मैं मन ही मन सोच रही थी कि 1 कमरे के फ्लैट में झाड़ू पोछा करके यहां बैठी होगी और कह रही है कि करोड़ो की मालकिन है। उसके जाने के बाद होस्ट ने वापस से इस महिला के कसीदे पढें और फिर प्रोडक्ट्स बेचे फलाना ढिमकाना कहकर ज़ूम बन्द कर दिया।

पतिदेव जो सामने बैठे थे कह रहे थे। फूंक दिया अपना समय ऐसी बेकार मीटिंग में। मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी कि लिखने को मिल गया और लोगो को जगाने के लिए भी मिल गया कि उठ जाओ सोतडू लोगों साबुन शैम्पू बेचकर कोई करोड़पति नही बनता करोड़पति उस प्रोडक्ट का मालिक ही बनेगा कमाई उसी की होती है। बच्चे लोगो अपना भविष्य मत बर्बाद करो। अच्छी पोजिशन पर पढ़ाई करके अच्छी नौकरी करो। और खुद के लिए ही कुछ करना है तो बेहतरीन पढ़ाई करके खुद का बिजनेस खड़ा करना एक दिन। तुम्हे सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा है। समझो इस बात को।

बाकी रामभरोसे। नेहा के बक्से से थोड़ी मस्ती थोड़ा ज्ञान - नेहा शर्मा

धन्यवाद।

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