कविताअतुकांत कविता
वसंत का आगमन
ए वसंत ,
बड़ा ही मनमोहक, तेरा आगमन,
मन भाए तेरा अल्हड़पन,
चहुं दिशा हरियाली छाए,
हर्षाए वन -उपवन।
भरे मन में प्रेम की सौगात,
फूलों ने किए सोलह श्रृंगार,
तितलियां भी करें अठखेलियां,
मस्ती में सब गाएं, गीत मल्हार।
कर यौवन का श्रृंगार,
नैनन से एकटक पथ लगे निहार,
मुख पर अलौकिक मंद मुस्कान,
देखे प्रिय प्रियतम की राह।
नई दुल्हन सी सजी धरा,
आम्र मौर में गूंथ स्वर्ण,
प्रकृति का हुआ सफल समागम,
ए वसंत ,
बड़ा ही मनमोहक, तेरा आगमन।
स्वरचित मौलिक रचना
अनुपमा,अनु
भोजपुर,बिहार