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"अपना इंडिया अब भारत बनने लगा" - Poonam Bagadia (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

"अपना इंडिया अब भारत बनने लगा"

  • 199
  • 5 Min Read

शीर्षक: "अपना इंडिया अब भारत बनने लगा"

कुछ टूटा है, पर कुछ तो संवरने लगा,
अपना इंडिया अब भारत बनने लगा !

बन्द है, डी जे की थपकी
राम भजन, जन-जन में जगने लगा !

संकट में ही सही, भारत फिर
संस्कारों में बंधने लगा!

छोडा चलन,अंग्रेजी हाथ मिलाना
हाथ जोड़, अभिवादन करने लगा!

कुछ टूटा, तो कुछ सँवरने लगा
अपना इंडिया अब भारत बनने लगा!

शीतल पेय से कर ली दूरी
जंक फूड से जंग लड़ने लगा

छोड़ा मांस, पिज्जा, बर्गर
दाल रोटी से सन्तुष्टि पाने लगा!

थमी जरूरतें बेमतलब की
थोड़े में भी मुस्काने लगा!

कुछ टूटा, तो कुछ सँवरने लगा
अपना इंडिया अब भारत बनने लगा!

हुआ प्रदूषण लुप्त अब तो
गंगा-यमुना का जल, निर्मलता से बहने लगा!

दे सहारा, जरूरत मन्दो को
बराबरी का दौर चलने लगा!

बन अंग्रेज दौड़ा, बरसो
अब थोड़ा सा थमने लगा!

चला परछाईं बन जो पीछे
अब पहचान खुदकी करने लगा!

कुछ टूटा है, पर कुछ तो सँवरने लगा
अपना इंडिया अब भारत बनने लगा..!

©️पूनम बागड़िया "पुनीत"
(नई दिल्ली)

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

चैतन्यपूर्ण

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

विलक्षण

Poonam Bagadia4 years ago

सादर आभार सर..

प्रपोजल
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