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जनवरी का महीना - Rajesh Kr. verma Mridul (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

जनवरी का महीना

  • 155
  • 2 Min Read

जनवरी का महीना
ये ठंडी फिजाएं
कोहरे की चादर
चलती सर्द हवाएं
कड़ाके की ठंड
सर्दी खूब सताए
रूह में सिहरन
तन सह ना पाये
ठिठुरती बदन को
रजाई खूब भाये
सूरज की किरणें
जो मिल नहीं पाए
ये सर्दी की महीना
तन मन को सताए
@©✍️ राजेश कु० वर्मा 'मृदुल'

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Babita Kumari

Babita Kumari 4 years ago

वाह वाह क्या बात है

Rajesh Kr. verma Mridul4 years ago

सादर धन्यवाद

Rajesh Kr. verma Mridul4 years ago

ठंड की बात है

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत खूब

Rajesh Kr. verma Mridul4 years ago

बहुत-बहुत धन्यवाद एवं सादर आभार आदरणीया

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