Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
प्यार - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

प्यार

  • 118
  • 3 Min Read

क्या है पहला प्यार?
एक सौंधी सी खुशबू है जो महका देती है।
निकलकर यथार्थ से ख्वाबों में पहुंचा देती है।
कंगन घूमने से लेकर किसी के शर्ट के बटन तक
मोहब्बत की खुशबू अंगड़ाई में बहका देती है।
माचिस से सिर्फ तीली जलती है
यहाँ तो सिगड़ी सिलगा देती है।
उलझती हैं नज़रें किसी के गजरे में यदि
किसी की घड़ी में दुपट्टा फंसा देती है।
मोहब्बत चीज़ ही ऐसी हैं यारों
जिससे हो जाये या तो
जिंदगी बिगाड़ देती है या फिर बना देती है।
कह रही है नेहा की दिल लगे किसी से तो निभा देना
जले जो सिगरेट तो उसे बुझाना नही। - नेहा शर्मा

1611348607.jpg
user-image
Naresh Gurjar

Naresh Gurjar 3 years ago

बहुत ही उम्दा

नेहा शर्मा3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
विदेशी शहर
IMG-20240518-WA0017_1716097452.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
आप क्यूँ हैं उनके बिना नाखुश
logo.jpeg