कवितालयबद्ध कविता
क्या है पहला प्यार?
एक सौंधी सी खुशबू है जो महका देती है।
निकलकर यथार्थ से ख्वाबों में पहुंचा देती है।
कंगन घूमने से लेकर किसी के शर्ट के बटन तक
मोहब्बत की खुशबू अंगड़ाई में बहका देती है।
माचिस से सिर्फ तीली जलती है
यहाँ तो सिगड़ी सिलगा देती है।
उलझती हैं नज़रें किसी के गजरे में यदि
किसी की घड़ी में दुपट्टा फंसा देती है।
मोहब्बत चीज़ ही ऐसी हैं यारों
जिससे हो जाये या तो
जिंदगी बिगाड़ देती है या फिर बना देती है।
कह रही है नेहा की दिल लगे किसी से तो निभा देना
जले जो सिगरेट तो उसे बुझाना नही। - नेहा शर्मा