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जो अपने है उनको पराया ना कर - Dr. Rajendra Singh Rahi (Sahitya Arpan)

कवितागजल

जो अपने है उनको पराया ना कर

  • 156
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ग़ज़ल...

जो अपने है उनको पराया ना कर,
तू रिस्तो को हरदम हराया ना कर।

अगर चाहता है रहें सब महकते,
तो गुलशन की खुशबू चुराया ना कर।

नहीं जिनकी आदत खुशामदी करना,
यूँ खंजर से उनको डराया ना कर।

अमन-चैन का ख्वाब ज़ेहन में गर है,
तो मज़हब को घर में लड़ाया ना कर।

कहाँ उनमें साहस कि हँस दे किसी पर,
तू खुद ही हंसी गर उड़ाया ना कर।

मुश्किल से घटती है नफ़रत दिलों में,
रे.. सत्ता तू इसको बढ़ाया ना कर।

दफ़न हो गया हो अगर 'राही' मुद्दा,
तो वोटों के ख़ातिर जिलाया ना कर।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह 'राही'

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

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