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दर्द छुपाता रहा..... - अजय मौर्य ‘बाबू’ (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

दर्द छुपाता रहा.....

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दर्द छुपाता रहा.....

दर्द को अपने छुपाता रहा,
सभी के सामने मुस्कराता रहा।

रात के बाद आती है सुबह,
मन को धीरज बंधाता रहा।

अधरों से जो कह न पाया,
गीत वहीं गुनगुनाता रहा।

पल दो पल का है जीवन,
बस फर्ज अपना निभाता रहा।

कल हो न हो फिर भी,
जीवन सपन सजाता रहा।

अजय बाबू मौर्य ‘आवारा’

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