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खौफ जीवन बचाने का.... - Champa Yadav (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

खौफ जीवन बचाने का....

  • 209
  • 4 Min Read

#खौफ जीवन बचाने का....

एक अरसे से बंद थी कुछ खौफ इस कदर था।
जीवन को बचाने का। पर जान बचने की वजह,
और दर्दनाक होती जा रही थी....।

जिस तरह पौधे को जब प्रकाश ना मिले। तो वो मुरझा जाती है। ठीक उसी तरह हमारी.... जिंदगी भी हो गई थी और हम धीरे-धीरे मुरझाते जा रहे थे....।

जब किसी बहाने से ही सही। बाहर की रोशनी से रूबरू हुए। तो जान मैं जान आई। जैसे कोई मुरझाए पौधे को रोशनी की किरण मिल गई हो, और पौधा फिर से खिलने लगा हो....।

उसमें फिर से नई रौनक देखने को मिली हो, जीवन को जीने की.... उससे प्यार करने की उम्मीद जागने लगी.....।

यही तो है जीवन..... जिसके लिए हम तरस रहे थे। एक अरसे से और आज हमें मिल ही गई..... किसी बहाने से....।

@चम्पा यादव

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

Champa Yadav3 years ago

शुक्रिया... आदरणीय।

विमल शर्मा 'विमल'

विमल शर्मा 'विमल' 3 years ago

वाह्ह अति सुंदर

Champa Yadav3 years ago

जी...धन्यवाद।

समीक्षा
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