लेखअन्य
#खौफ जीवन बचाने का....
एक अरसे से बंद थी कुछ खौफ इस कदर था।
जीवन को बचाने का। पर जान बचने की वजह,
और दर्दनाक होती जा रही थी....।
जिस तरह पौधे को जब प्रकाश ना मिले। तो वो मुरझा जाती है। ठीक उसी तरह हमारी.... जिंदगी भी हो गई थी और हम धीरे-धीरे मुरझाते जा रहे थे....।
जब किसी बहाने से ही सही। बाहर की रोशनी से रूबरू हुए। तो जान मैं जान आई। जैसे कोई मुरझाए पौधे को रोशनी की किरण मिल गई हो, और पौधा फिर से खिलने लगा हो....।
उसमें फिर से नई रौनक देखने को मिली हो, जीवन को जीने की.... उससे प्यार करने की उम्मीद जागने लगी.....।
यही तो है जीवन..... जिसके लिए हम तरस रहे थे। एक अरसे से और आज हमें मिल ही गई..... किसी बहाने से....।
@चम्पा यादव