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मेरी प्यारी दीदी - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

कहानीप्रेरणादायकलघुकथा

मेरी प्यारी दीदी

  • 2051
  • 11 Min Read

प्रतियोगिता
मेरी प्यारी दीदी,
सादर प्रणाम
आगे यहाँ सब कुशल मंगल हैं आप सब की कुशलता ईश्वर से चाहती हूँ। आपकी बहुत याद आती है और याद आती हैं वह बातें जो मुझे आप समझाती थी । आप बड़ी बहन कम और एक मां का दायित्व निभाती थी । आप की ससुराल और मायका एक शहर में होने के कारण सबसे अधिक मुझे अच्छा लगता था क्योंकि मै अपनी सारी बातों की पोटली बना लेती थी और जब आप आती थी तो पूरी बात सुना ना दूं किसी और से आपको नहीं बोलने देती थी । आज भी वह दिन याद है जब मै स्कूल से लौटी तो मेरी अध्यापिका ने पास बुलाकर कहा कि चुन्नी पीछे से लपेटो और घर जाओ मेरी समझ नहीं आया की छुट्टी देकर क्यों भेज दिया । आप घर पर आई हुई थी पूछा जल्दी छुट्टी होगयी मैने कहा नहीं भेज दिया ।जब बाथरुम में कपड़े उतारे सलवार को देख कर जोर जोर से रोना शुरू कर दिया । आप भाग कर आई देखा और चिपटा लिया और कहा पागल रोते नहीं है यह हर लड़की के साथ होता है। समझा कर सब तरीका बताया मै तो और आपके करीब आती गयी । मां से डर लगता था फिर मेरी शादी की बात चलने लगी मै उस समय केवल 16 साल की थी मानसिक रुप से बहुत बचपना था। पिताजी के अलावा कोई नहीं चाहता था कि इतनी जल्दी मेरी शादी हो तुम तो बिलकुल नहीं क्योंकि तुम भी शादी पर छोटी थी और वह मानसिक यातना ससुराल में झेल चुकी थी । मै कभी किसी बात की जिद करती या नखरे करती तब मेरा पक्ष लेती और कह देती थी मां यहाँ जिद कर लेगी ससुराल में कौन सुनेगा ।
आज तुम्हारी छोटी बहुत बड़ी होगयी ससुराल में ननदें हैं वह मेरे से उम्र में बड़ी पर शादी नहीं हुई एक जिठानी हैं वह हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में । सुबह अलार्म लगा कर सोती हूँ जिससे सबसे पहले उठ जाऊं ।
यहाँ पर कोई मेरे बाल सहला कर तो उठायेगा नहीं । सबकी सुनती हूँ पर कहूं किससे ये भी तो चुप रहते हैं । आप दुखी मत होना हां दीदी अब तुम्हारी छोटी बाल खोल कर नहीं रखती लम्बे हैं ना पर्दा करती हूँ तो पीछे से दिखाई देते हैं यहाँ सासुजी ने कहा है ऊपर बांध कर रखो बहुओं के बाल दिखाई देने सही नहीं । दीदी यहाँ जोर से हंसना मना है। चलो दीदी बस मां को मत बताना वह दुखी हो जायेगी । दीदी जब बहुत परेशान होती हूँ तो मै घूंघट में रो लेती हूँ किसी को पता नहीं चलता बैसे घूंघट का फायदा है ना दीदी । चलो दीदी अपना ख्याल रखना ।
तुम्हारी छोटी बहन
स्व रचित
डा.मधु आंधीवाल

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

मार्मिक

Madhu Andhiwal3 years ago

Thanks

दादी की परी
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