कहानीप्रेरणादायकलघुकथा
सुकून ------
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तोषी अस्पताल के लेबर रूम में दर्द से कराह रही थी ,चौथी संतान थी । दर्द के साथ साथ मानसिक द्वन्द्व अधिक था ,यदि फिर लड़की होगयी तो पति और सास की यातना को कैसे सहन करेगी । तीन लड़कियां ही दिन रात मां के साथ यातना सहन करती थी । डा. ने उसका चेक अप किया और वह, उसकी सास और पति दोनों पर खूब गुस्सा हुई क्योंकि तोषी बहुत कमजोर थी स्थिती बहुत नाजुक थी । वह सोच रही थी कि अगर उसको कुछ होगया तो ,उसकी बच्चियों का क्या होगा ।
अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी वह बहुत जोर से चीखी ,चीख सुनकर नर्स और डा .दोनों भागते हुये आये उसको संभाला ,तुरन्त उसकी नाजुक स्थिती देखकर आप्रेशन की तैयारी की जैसे ही आप्रेशन हुआ डा.अचम्भित हो गयी उसके जुड़वाँ बेटियाँ पैदा हुई पर तोषी सुकून से सो चुकी थी । सास और पति की यातना से दूर ।
स्वरचित
डा. मधु आंधीवाल एड.
अलीगढ़, उ.प्र
वाह मेम। छोटी सोच पर एक बहुत बड़ा वार
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