कविताअतुकांत कविता
# चित्र कविता
"ज्ञान प्रकाश"
अखंड ज्योति-स्त्रोत तुम
समग्र ज्ञान का भंडार हो
विद्वानों का संग्रहित पुंज
सकल पूंजियों में सर्वश्रेष्ठ
माँ शारदे के हस्त प्रस्थित
ऐतिहासिक महा धरोहर
मार्ग प्रशस्तिनि,निर्देशिका
पुस्तकरूपिणी माँ विद्या
तमसो मा ज्योतिर्गमय माँ
अतीन्द्रीय सुखदायिनी माँ
अज्ञान-तम संहारिणी तुम
ज्ञानधनदायिनी माँ विद्या
बापू दे गए शिक्षा-संदेश
शिक्षित हो ग़र बालिका
दो परिवार होंगे शिक्षित
ज्ञान-सूरज उदित होगा
निर्भर ना हो कुंजियों पर
किताबों से अभ्यास करो
रटो नहीं समझो दिल से
मस्तिष्क यूँ प्रकाशित हो
सरला मेहता