कविताअतुकांत कविता
नौसेना दिवस के अवसर पर
* जयहिंद की सेना *
सबसे न्यारा तिरंगा प्यारा
तिरंगी सेनाओं का नारा
हरी धरा सजाए थलसेना
नीले नभ में उड़े वायुसेना
बीच बिराजे श्वेत नौसेना
*नौसेना*
सन अठारह सौ तीस में
वरुण देव के आशीषों से
रॉयल इंडियन नेवी नाम
जलसेना का आरंभ हुआ
विश्व में पाँचवीं बलशाली
सैनिक हैं पिचपन हज़ार
समुद्रमार्ग है दक्षिण द्वार
तट रक्षा व सिद्धि सर्वार्थ
पोत विराट विक्रमादित्य
ब्रह्मोस सी बड़ी मिसाइलें
एवरेस्ट ऊंचाई छूती हैं ये
ताज़ सी धरोहरें बचाते हैं
धवल वर्दी में हैं सज्जित
हथेली जमीं की ओर करें
मैले हाथ माँ को नहीं लगे
भारती को शीष झुकाते
सरला मेहता