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प्रेम पथिक - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

प्रेम पथिक

  • 201
  • 3 Min Read

स्वरचित मौलिक :: प्रेम पथिक

चाह मेरी मैं राधा बन जाऊं
वंशी की धुन पर दौड़ी आऊं
गोपियों संग नाचूं थिरकू
कान्हा की मुरली बन जाऊं
मैं प्रेम पथिक कहलाऊं!!!

चाह मेरी मैं मीरा बन जाऊं
नित नए भजन मैं गांऊ
कृष्ण की भक्ति में खो जाऊं
गिरधर की दीवानी बन जाऊं
मैं प्रेम पथिक कहलाऊं!!!

चाह मेरी मै कली से फूल बन जाऊं
फूलो की माला बन गूंथी जाऊं
वीरो के गले का हार बन जाऊं
अपने भाग्य पर इतराऊं इठलाऊं
मैं प्रेम पथिक कहलाऊं!!!

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

अद्भुत

Priyanka Tripathi3 years ago

धन्यवाद सर ?

Main Pal

Main Pal 3 years ago

अति सुन्दर अभिव्यक्ति

Priyanka Tripathi3 years ago

धन्यवाद आपका

प्रपोजल
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माँ
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