कवितागजल
सीखी ग़ज़ल,,, नीलिमा जी से
ख़बर तेरी क्या आ गई
चमन की बहारें आ गई
खुशबू तेरी समाँ में समाई
साँसों में मेरे जान आ गई
खयालों में क्या आया तू
ख़्वाबों में खुमारी आ गई
मेहबूब का एहसास ऐसा
ज़िन्दगी में रवानी आ गई
दरियाए-दिल के तूफां में
यादों की कश्ती आ गई
सरला मेहता