कविताअतुकांत कविता
मध्यम मार्ग
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जो मृत्यु को स्वीकार करते हैं
वही जीवन को अंगीकार करते हैं
मध्य ही तो जीवन की राह है
जिसने चुना यह मार्ग
वही तो पहुँच पाते हैं
केंद्र पर जो खड़े हैं
उन्हें कहाँ ये धागे खींच पाते हैं
परिधि पर खड़े जो
उन्हें अपने बीच पाते हैं
जिंदगी को वो अपने समीप पाते हैं |
कृष्ण तवक्या सिंह
07.11.2020.