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रुकी हुई ज़िंदगी भाग-३ - Jyotsana Singh (Sahitya Arpan)

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रुकी हुई ज़िंदगी भाग-३

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रुकी हुई ज़िंदगी भाग -३
लेकिन बैटरी अंकल ने मुझे फिर से चार्ज कर दिया और बोले।
“आप भी न बाबा अरे ये दुनिया हैं यहाँ हर इंसान दूसरे इंसान से अलग है।
अगर आप ग़ुस्सा न हो तो आप को अपने फ़्लैट के ठीक ऊपर वाले फ़्लैट की एक बहुत प्यारी सी लड़की की कहानी सुनाऊँ?”
मैंने अब तक अपना खाना खा लिया था और मुझे खुद मेरी अधूरी कहानी पुकार रही थी।
पर फिर भी मैं बैटरी अंकल से उस फ़्लैट वाली लड़की की कहानी सुनने को तैयार हो गया। तब अंकल बोले।
“बाबा हर लड़की बुरी नहीं होती जिस लड़की की मैं बात कर रहा हूँ
बस तीन हफ़्ते से ही मैं उसे जनता हूँ पर बहुत प्यारी है वो बहुत खुश रहना जानती है।
हर वक्त ज़िंदगी में नए-नए रंग तलाशती रहती है।
उसकी हँसी किसी बहते हुए झरने की जैसी है। और ये बात भी मैं नहीं कहता वह खुद ही कहती है।
उस रोज़ पहली बार वह लिफ्ट में मिली थी तभी बोली थी।
“आप के पास से मसाले की बहुत भीनी ख़ुशबू आ रही है आप रसोई में कुछ पका कर आ रहें हैं है न?”
मैं बोला हाँ रसोईया हूँ।
तो ख़ूब ज़ोर से हँसी मैं कुछ कहता इस से पहले ही हम नीचे आ चुके थे अब वह अपनी छड़ी खोल कर उसके सहारे से बाहर आने लगी तब मुझे एहसास हुआ कि वह देख नहीं सकती।
मैं स्तब्ध रह गया और मैं उसे देखने लगा पर न जाने वो कैसे जान गई और बोली अंकल आप टेंशन न लीजिए टेंशन आदमी को जल्दी बूढ़ा कर देता है।
अपने आप ही मेरा हाथ उसके सर पर चला गया तो वह बोली।
“अंकल एक सेल्फ़ी हो जाए।”
मैंने उसकी और अपनी तस्वीर निकाली फिर वह पूल की तरफ़ चली गई और पानी में पैर डाल कर उसी से खेलने लगी।
अब हम रोज़ शाम पाँच बजे मिलते हैं पक्के वाले दोस्त बन गए हैं कहती है उसे पानी से खेलना बहुत पसंद है।
मैंने पूछा क्यूँ? तो बोली पानी रंग विहीन हो कर भी ज़िंदगी के सब रंग से जुड़ा है ख़ुशी हो या ग़म पानी है संग।
तभी जब वह हँसी तो मैंने कहा बहुत प्यारी हँसी है तुम्हारी तो बोली।
पता है बिलकुल झरने की तरह।”
मैंने उत्सुकता से कहा बैटरी अंकल वो तस्वीर दिखाइये।
बैटरी अंकल के सेल फ़ोन पर वही नीले दुपट्टे वाली पागल लड़की अपनी बड़ी- बड़ी आँखों के साथ मुस्कुरा रही थी।
थोड़ी देर चुप रह कर मैंने बैटरी अंकल से कहा।
“मुझे स्टडी तक पहुँचा दीजिए।”
आज मैं अपनी निराशा भरी लेखनी की स्याह स्याही में नीला रंग भरने तैयार हूँ शायद मुझे ज़िंदगी से फिर से प्यार हो गया है। और इस बार मुझे बारिश अच्छी लग रही है।

ज्योत्सना सिंह
लखनऊ
6:43pm.
6-8-2020

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 4 years ago

बहुत खूबसूरत ज़िंदगी से भरी कहानी

दादी की परी
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