कविताअन्य
"इश्क़ वाला लव"
वो मुझसे बेइंतहा इश्क़ करता है-2
जताता नहीं है मुझे,मगर परवाह बहुत करता है।
मैं भी कभी पूछती नहीं हूँ,
के कितना प्यार है तुम्हें मुझसे-2
मेरे कुछ कहे बिना ही मेरे जज़्बात समझता है।
देर रात तक जो मुझे नींद न आए-2,
तो मेरे साथ वो भी जगता है।
मेरी उदासी को मेरे चेहरे पर पड़ता है।
जताता नहीं है मुझे,मगर परवाह बहुत करता है।
हर कदम हर राह पर,मेरे साथ चलता है-2
चेहरे पर ठहराव, और दिल में मुहोब्बत
के समंदर का बहाव रखता है।
जताता नहीं है मुझे, मगर परवाह बहुत करता है।
वो मुझसे "इश्क़ वाला लव" करता है,
मेरे अधूरे ख्वाबों को पूरा वो करता है।
मेरे चेहरे के हर रंग में बस वही बसता है,
जिसे कोई नहीं जाना, वो मेरे वो एहसास समझता है।
वो मुझसे बेइंतहा इश्क़ करता है-2
जताता नहीं है मुझे,मगर परवाह बहुत करता है।
©भावना सागर बत्रा की कलम से
अति सुन्दर
शुक्रिया अंकल जी ।
जी बहुत बहुत आभार