कवितालयबद्ध कविता
बडा घमंड था मुझे तुम पर,था गुरूर भी बहुत तुम पर|
था भरोसा तुम पर इतना मेरा,
जोड लोगे इस टूटे दिल को तुम मेरा,
छुडा कर न जाओगे तुम हाथ मेरा|
मगर अफसोस , तुम भी दगा दे गये|
जो कहता था हमेशा मुस्कुराते रहना,आज वही आँखों में आँसू दे गया| सोचा था जी लेंगे तेरी यादों के सहारे, मगर छीन लिया तूने वो हक भी मेरा|
चलो मान गये अब हम, ये मोहब्बत नहीं अरे ये तो सपना था|
स्वरचित काव्य
नाम-रानी सिंह
दिनांक-29/10/20