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गुरूर तुम पर..... - रानी सिंह (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

गुरूर तुम पर.....

  • 143
  • 2 Min Read

बडा घमंड था मुझे तुम पर,था गुरूर भी बहुत तुम पर|
था भरोसा तुम पर इतना मेरा,
जोड लोगे इस टूटे दिल को तुम मेरा,
छुडा कर न जाओगे तुम हाथ मेरा|
मगर अफसोस , तुम भी दगा दे गये|
जो कहता था हमेशा मुस्कुराते रहना,आज वही आँखों में आँसू दे गया| सोचा था जी लेंगे तेरी यादों के सहारे, मगर छीन लिया तूने वो हक भी मेरा|
चलो मान गये अब हम, ये मोहब्बत नहीं अरे ये तो सपना था|

स्वरचित काव्य
नाम-रानी सिंह
दिनांक-29/10/20

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कुलदीप दहिया मरजाणा दीप

कुलदीप दहिया मरजाणा दीप 4 years ago

उत्कृष्ट कृति

Swati Sourabh

Swati Sourabh 4 years ago

बहुत सुन्दर

रानी सिंह4 years ago

जी शुक्रिया?

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