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चिट्टी चुड़ैल (भाग-2 अंतिम भाग)
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बैसला की बहू को ही कातिल ठहराया और कोर्ट ने उसे तत्काल पागलपन में हुई हत्याएं करार देकर उसे पागलखाने भेज दिया ।
गांव वाले अच्छी तरह जानते थे कि कानून भूत-प्रेत पर यकीन नही करता इसलिए कानून उसे पागल मान कर सजा दे रहा है ।
उस दिन से बैसला का बेटा कोठी को छोड़ सारी जमीन जायदाद बेचकर पता नही कहाँ चला गया पर जाते-जाते गांव वालों को बता गया कि कैसे उस चिट्टी चुड़ैल ने उसके मां-बाप को जहर देकर मार दिया ।
चिट्टी चुड़ैल के अच्छे चाल-चलन और मानसिक स्थिति में सुधार के चलते दो सालों में ही सरकारी पागलखाने से उसकी छुट्टी हो गई थी ।
चिट्टी चुड़ैल गांववालों की उम्मीद के विपरीत उसी पिछड़े गांव में अपनी वीरान कोठी में आकर रहने लगी थी।
धीरे-धीरे कोठी की साफ-सफाई और मरम्मत के लिए कुछ गरीब मजदूर और कामवालियां जब हिम्मत करके कोठी में जाने लगे तो गांववालों का डर उत्सुकता में बदलने लगा था।
गेनू की पत्नी स्थानीय ओझाओं के मुताबिक पिछले दो सालों से ब्रह्मराक्षस द्वारा कब्जाई हुई थी एक दिन अचानक कोठी के सामने वाले रास्ते पर बेहोश होकर गिर पड़ी ।
चिट्टी चुड़ैल की नजर उसपर पड़ते ही वह उसे अपनी कोठी में ले आई ।
चिट्टी चुड़ैल की उसके सास-ससुर को जहर देने वाली कहानी ने उसे चुड़ैल के रूप में स्थापित कर दिया था इसलिये किसी गांव वाले की दो दिन तक हिम्मत नही हुई थी कि उससे गेनू की पत्नी के बारे में पूछ सके ।
दो दिन बाद अचानक गेनू की पत्नी अपने ससुराल पंहुच गई वह भी बदली-बदली सी अब उस पर किसी ब्रह्मराक्षस का साया दिखाई न देता था ।
उस घटना के बाद गांव वालों ने इसतरह की कब्जाई या काले जादू से वशीभूत महिलाओं को कोठी के बरामदे में लाकर चिट्टी चुड़ैल को आवाज देना शुरू कर दिया था ।
पर सालों बाद जैसे-जैसे वक्त बदलता गया कुछ अंधश्रद्धा निर्मूलन की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की नजर उस कोठी पर पड़ने लगी थी ।
चिट्टी चुड़ैल भी इससे अनजान न थी ।
उस अमावस की काली रात कुछ सफेदपोश एक महिला को कोठी के बरामदे में ले आये और चिट्टी चुड़ैल को आवाज देना शुरू कर दिया ।
इस बार कब्जाई महिला का विलाप और चीखें आसमान चीर रही थी लेकिन इस गांव में आने बाद शायद पहलीबार चिट्टी चुड़ैल के होंठो पर मुस्कान तैर रही थी और पहली बार उसने पीड़िता के साथ उन सफेदपोशों को भी कोठी के अंदर आने का इशारा किया ।
उस अंधेरी काली रात के बाद जब पौ फटी तो गांव वालों ने एक सरकारी गाड़ी को कोठी के आगे रुकते देखा जोकी कुछ समय बाद चिट्टी चुड़ैल ,सफेदपोश पुरुषों और एक महिला को लेकर शहर के रास्ते उड़ चली ।
आज उस कोठी के स्थान पर 'प्रबोधिनी गर्ल्स प्राइमरी एंड हाइस्कूल' की तीन मंजिला इमारत खड़ी है और 'चिट्टी चुड़ैल' अपने काले बालों के बीच निकली चिट्टे बालों की पगडंडी को साड़ी के पल्लू से छुपाते महीने में एक बार 'मोटिवेशनल स्पीच' देने इस स्कूल में जरूर आती है ।
उसकी मुस्कान चार इंच चौड़ी हो जाती है जब उसे देख सारी लड़कियां खड़ी होकर कहती है ।
"गु..ड मॉर्निंग प्रबोधिनी मैडम"
(समाप्त)
#Anil_Makariya
Jalgaon (Maharashtra)