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आलेख,,,ज़रा रुकिए जी
💐आप बाहर जाने को तैयार हैं, बिजली की कड़क के साथ काले बादल घिर आए हैं। ज़रा रुकिए वरना आप मुसीबत में फस जाएंगे।
💐 आपका बच्चा पहली बार बैठने या खड़े होने की कोशिश कर रहा है। ज़रा रुकिए ,सहारा ना दे। उसे प्रयास करने दे,बस यह देखे कि कहीं गिर ना जाए। वरना बच्चा आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा।
💐 आपको ख़ास भूख नहीं है।फिर भी मन कर रहा है कुछ खाने का। हाँजी, ज़रा रुकिए व पत्रिका वगैरह ही पलटिए वरना बाद में बस पछताएंगे।मुटापे को दावत आपने ही दी है।
💐 बैठे ठाले,,,गाहे ब गाहे कुछ अच्छे से विचार आ रहे हैं। ज़रा रुकिए, शान्ति से उठाइए कलम और वो सारे पॉइंट्स नोट कर ले। वरना दिमाग के मैदान को साफ़ होने में देर नहीं लगेगी।
💐किसी अपने प्रिय की याद आ रही है। ज़रा रुकिए और उचित समय देख कर ही फ़ोन घुमाइए। वरना ढंग से बात नहीं होने से कुछ अच्छा नहीं लगेगा।
💐 गलतियां इंसान से होना स्वाभाविक है। ज़रा रुकिए व सोचकर उसे सुधार ले। वरना और भी नई त्रुटियां कर लेंगे।
💐कोई मदद मांगे तो अपनी हैसियत माफ़िक कर दीजिए।वरना आपकी सहायता कौन करेगा। लेकिन ज़रा रुकिए कि वह सुपात्र है या नहीं।
💐 कितना भी भारी संकट आ जाए,ज़रा रुकिए।हाँ थोड़ा धीरज रखिए। जल्दी का काम शैतान का। अपने अनुमानों को पवनपुत्र जी की पूँछ माफ़िक बढ़ाइए मत।ज़रा रुकिए व सोचिए कि क्या उपाय किया जा सकता है। ईश्वर पर भरोसा रखें। हर समस्या अपने साथ समाधान भी लाती है। वरना घर बैठे सदा के लिए बी पी के रोगी बन जाएंगे ।
💐सुख दुख जीवन के दो पहलू हैं। ज़रा रुकिए और ठंडे दिमाग से सोचिए कि हर काली रात के बाद सुनहरी सुबह ज़रूर आती है।
💐सबसे महत्वपूर्ण कि जब भी क्रोध वार करे,ज़रा रुकिए और बैठकर शीतल जल का सेवन करे। मन का सारा रोष शनै शनै काफ़ूर हो जाएगा।
वरना महाभारत का हश्र तो आपने सुना ही है।
सरला मेहता