कवितालयबद्ध कविता
प्रकृति की गोद मे....
बच्चों उठो जागो, मिलो
प्रकृति से जरा....
मखमली भींगी धरती पर
अपने कदमों को रखो जरा....
भोर की ठंडी हवाओं को
महसूस करके देखो जरा....
नीले आसमान के अंदर छिपी
लाल किरणों से रूबरु हो जाओ जरा....
चिड़ियों को मस्त गगन में
उड़ते देखो जरा....
ओस की बूंदों से कदमों को
भींगो लो जरा....
थोड़ा दौड़ लगा लो
मस्त गगन के नीचे जरा....
क्यों करते हो आलस्य
जब प्रकृति है तुम्हारे साथ....
आ जाओ और मिल लो
जीवन के वरदान से....
जागो और बना लो दोस्त प्रकृति को
जो तुम्हें हर दिन, देगी एक नया जीवन....!!!
@चम्पा यादव
10/10/20