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बहुत कुछ है हमारे बीच - Pushpa Srivastava (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

बहुत कुछ है हमारे बीच

  • 114
  • 4 Min Read

दूरियां बहुत है हमारे बीच
शहरों की, देशों की व समुद्रों की
हां फिर भी है आज भी ये बात कि
मुझे तू अपना सा लगता है ।

खामियां बहुत है हमारे बीच
बातों की, ख्वाबों की व आदतों की
हां फिर भी है आज भी ये बात कि
मुझे तू अपना सा लगता है ।

कठिनाइयां बहुत है हमारे बीच
राहों की, सफर की व मंजिलों की
हां फिर भी है आज भी ये बात कि
मुझे तू अपना सा लगता है ।

परेशानियां बहुत है हमारे बीच
बेबसी की,जिम्मेदारी की, मजबूरियों की
हां फिर भी है आज भी ये बात कि
मुझे तू अपना सा लगता है ।

निशानियां बहुत है हमारे बीच
यादों की, वादों की व कसमों की
हां बहुत सच है आज भी ये बात कि
मुझे तू अपना सा लगता है ।

स्वरचित व मौलीक रचना
© पुष्पा श्रीवास्तव
बाँसवाड़ा (राजस्थान)

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 3 years ago

बहुत खूबसूरत लिखा आपने??

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