कविताबाल कविता
पेड़ हमारे दोस्त
बरगद बाबा फैले -फैले
नारियल इतना लम्बा।
नीम की छाया मन को भाये
ताड़ है जैसे खम्भा।।
बरगद, पीपल,तुलसी मइया
आओ मिलकर पूजें भइया
आम, सन्तरा,केला-सेब
खाएँगे हम सब भर पेट।।
प्रकृति के अनुपम उपहार
देते हमको वस्तु अपार
आओ हम सब पेड़ लगाएँ
इनको अपना दोस्त बनाएँ।।
साधना सचान
एल आई जी 188
डब्ल्यू ब्लॉक,केशव नगर
कानपुर,(उ0प्र0)
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