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तुझमे हुनर है - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तुझमे हुनर है

  • 292
  • 3 Min Read

स्वरचित मौलिक:: तुझमें हुनर है

तुझमें हुनर है ,
तो आगे बढ़।
अपने हुनर की एक,
इमारत तो खड़ी कर।
उसमे हजार हुनरमंद ,
तु तैयार तो कर।
अपने हुनर की एक ,
मिशाल तो खड़ी कर।
उस हुनर से हजारों के ,
घर माहताब तो कर।
तुझमे जो हुनर है ,
वह फूल बनकर खिलेगा।
गरीबो की झोपड़ी में,
दिये की रोशनी सा जलेगा।
तु अपने हुनर की एक,
इबादत तो खड़ी कर।
इस देश मे हुनरमंद बच्चों की,
फौज तो खड़ी कर।
गर तुझमे हुनर है तो चल,
इस देश मे खुद रोजगार तु पैदा कर।

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बेहतरीन

Priyanka Tripathi3 years ago

धन्यवाद

Vinay Kumar Gautam

Vinay Kumar Gautam 3 years ago

शानदार...

Priyanka Tripathi3 years ago

आपका हार्दिक आभार धन्यवाद

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