कवितागजलगीत
आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा
जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा |
रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा
रिस्ता क्या तेरा मुझसे दूर जाकर भूल जाएगा |
जमाने से विद लेकर ......
मै हर उस जगह पे रहूँ जहां जिक्र आये तेरा
तू मेरी रूह बने साया बन सदा साथ रहूँगा |
जमाने से विद लेकर....
आज खुश है तू सही मुझे ठुकरा के सनम
रोएगी किसी तकलुफ़ में जब तुझे याद आऊँगा |
जमाने से विद लेकर....
कोशी कर ले मुझ से दूर जाने की
खोआबो में आ तुझको रुलाता रहूँगा |
जमाने से विद लेकर....
नीरज मिश्रा " नीर " बरही मध्य प्रदेश