Or
Create Account l Forgot Password?
कविताअन्य
इश्क़ से रोशन मिरी दुनिया है । मुझे तीरगी से डर नहीं लगता ।। वो जबसे गए हैं रूठकर मुझसे । अपना घर भी घर नहीं लगता ।। ©डॉ. वासिफ़ काज़ी , इंदौर ©काज़ी की क़लम