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तुम्ही बताओ - Anjani Tripathi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तुम्ही बताओ

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  • 3 Min Read

लिखना तो बहुत कुछ चाहतीं हूँ
पर तुम ही बताओ..
तुम्हें कागज पर उतारू कैसे,
प्यार तो बहुत करती हूँ तुमसे
पर इस एहसास को जताऊ कैसे
सोचती तो रहती हूँ तुम्हें हरपल
पर तुम्हारा साथ निभाऊं कैसे,,
खुद पर नही रहा अब भरोसा मुझे
पर इसका यकीन तुमको दिलाऊँ कैसे,,
मेरी निगाहें ढूढती रहती है
तुम्हारा ही चेहरा ..
पर इन नजरों की प्यास बुझाऊ कैसे
हर पल तो तुम्हारे साथ नही हूँ मैं
इस दिल को ये बात बताऊँ कैसे
तुम ही हो मेरी आखरी तमन्ना
पर तुम्हें ये बात समझाऊँ कैसे
लिखना तो बहुत कुछ चाहती हूँ
पर तुम ही बताओ ..
तुम्हें कागज पर उतारूँ कैसे !!

अंजनी त्रिपाठी
स्वरचित मौलिक
13/9/20

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