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लाख आवाजें लगाया करना - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

लाख आवाजें लगाया करना

  • 7
  • 1 Min Read

हम से मिलना लगता है तुम्हें वक़्त जाया करना
हमारे मरने के बाद हमारी कब्र पर आया करना
हमको नहीं सुनाई देंगी फिर कोई सदाएं तुम्हारी
बेशक फिर बैठकर लाख आवाजें लगाया करना
© "बशर" بشر.

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