कहानीप्रेरणादायक
मातृभाषा (लघुकथा)
"गुड मॉर्निंग मैडम। आई.. एम.. आशी मदर।"
"गुड मॉर्निंग मिसेज सक्सेना..प्लीज़ कम।
हैव अ सीट प्लीज़... हाउ आर यू?"
"फाइन मैडम।"
"येस मिसेज सक्सेना.."
"मैडम, माई डाटर नोट कम स्कूल.. है..हैप्पी।" अपनी बात को अंग्रेजी में कहने का भरसक प्रयास करती मिसेज सक्सेना, अपने बच्चे के स्कूल की मुख्य अध्यापिका के सामने बैठी थीं। कुछ दिनों से उनका बच्चा सुबह-सुबह स्कूल न आने की जिद पर अड़ जाता था। आज वह इसी सिलसिले में उनसे मिलने पहुँची हैं।
" मैडम, आई वांट टू नो... रीजन.."
मुख्य अध्यापिका के चेहरे पर फैले अचरज भरे भावों को देख, वह तनिक सकुचाते हुए, कहने लगीं,
"दरअसल, आई स्पीक हिंदी इन होम.. यू अंडरस्टैंड मैडम?"
"ऑफकोर्स आई अंडरस्टैंड मिसेज सक्सेना.. बट आई विल बी एबल्ड टू अंडरस्टैंड इन अ बैटर वे, इफ यू स्पीक द लैंग्वेज यू आर कम्फ़र्टेबल इन.. मेरा मतलब, अगर..आप आपनी बात को.. आपनी मदरटंग में कहने का कोशिश करेगा तो मैं.. और भी..अच्छे तरीके से समझ.. जाएगी।"
लक्ष्मी मित्तल