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"कविताओं की नगरी-17-03-21"
कविता
साड़ी का पल्लू
कचरे वाला बच्चा
आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग
तेरे मेरे दरमियां
"अंतरात्मा की आवाज "
"एक कविता"
✍️अनजान चेहरा सा हैं, मुस्कुहाट सी निजदिकिया हैं,
कविता का दरबार
कविताएं और कविताएं
"क्यो प्यासा रह जाता है"?
जिंदगी मिली मुझे
बन्द दरवाजे
सफ़र यादों का ❤
कविता जन्म लेती है तब,जब
गूढ़ रहस्य
मैं कविता हूँ...!
शब्दों की महिमा
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