Login
Login
Login
Or
Create Account
l
Forgot Password?
Trending
Writers
Latest Posts
Competitions
Magazines
Start Writing
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Searching
"ए-क़ल्ब"
कविता
*अनसुनी करी नफ़्ज-ए-क़ल्ब हमने*
सुकून- ए-क़ल्ब
हुई नींदें हराम रातों की
ज़रूरतें कम सब्र रखें ज्यादा
सुकून-ए-क़ल्ब असल सरमाया
हासिल सुकूने-क़ल्ब बहुत जहं होता है
सुकून-ए-क़ल्ब किसीको यहाँ नहीं मिलता
सुकून-ए-क़ल्ब को पा लेना
सुकून-ए-क़ल्ब मयकदे में आकर मिला
सुकून-ए-क़ल्ब से रहेंगे हम
सारी क़ायनात की तस्वीर बदल जाएगी खुद बदलो तुम्हारी तक़दीर बदल जाएगी सुकून -ए-क़ल्ब अपना कायम रखो बशर बाहरके रंजो-ग़म की तासीर बदल जाएगी
इक कसक सी हयात में रह जाती है
Edit Comment
×
Modal body..