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हासिल सुकूने-क़ल्ब बहुत जहं होता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हासिल सुकूने-क़ल्ब बहुत जहं होता है

  • 62
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हासिल सुकून- ए-क़ल्ब बहुत जहं होता है
मयस्सर वक़्त मग़र बहुत कम वहाँ होता है
@ "बशर"

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