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मां - बाप के पास बैठ जाया करो - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मां - बाप के पास बैठ जाया करो

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  • 2 Min Read

मान कि बहोत मश्ग़ूल हो तुम "बशर" गोरखधंधे में अपने
फिरभी कभी वक़्तनिकल मां-बाप के पास बैठ जाया करो
फ़जूल नहीं जाया होगा एक भी पल हो जाएअंगी मयस्सर
मसर्रतें अपार बे - शुमार मां - बाप के पास बैठ जाया करो
© "बशर"

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