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इन्सान नहीं मिलता - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

इन्सान नहीं मिलता

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  • 1 Min Read

कहते हैं हरकिसी को भगवान नहीं मिलता
यहाँ परतो ढूंढेने से भी इन्सान नहीं मिलता

कहीं पर मिलता नहीं है लिबास इन्सान पर
तो कहीं पर लिबास में इन्सान नहीं मिलता

© "बशर"

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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ये ज़िन्दगी के रेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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वो चांद आज आना
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