कविताअतुकांत कविता
जय भोलेनाथ 🙏🏻, साहित्य अर्पण पर मैं अपनी रचनाओं की शुरुवात करना चाहती हूं, ऐसे में अगर ये शुरुवात भगवान कृष्ण के नाम से हो तो इससे भला क्या हो सकता है।
शीर्षक - "मित्र माधव"
कविता - माधव सा मित्र हुआ है न होगा कोई, जो हृदय लगा कर प्राणी को सारे कष्ट मिटाते हैं
इक पुकार कृष्णा की सुनकर, वो कृष्ण ही है जो इक पल में आ जाते हैं।
ऋणी बन जाते हैं प्रेम से वो बस, इक इक सूत के बदले वो सौ सौ चीर बढ़ाते हैं,
आश तोड़ दे जब ये जग सारा, तब भी गोविंद मेरे लाज बचाने आते हैं।।
छल, कपट और पाखंड के इस युग में, ऐसे मित्र बस माधव ही बन पाते हैं।
और माधव सा मित्र हुआ है ना होगा कोई, जो हृदय लगा कर प्राणी को सारे कष्ट मिटाते हैं।।
~Kavita Panthi
हर हर महादेव 🙏🏻