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Sahitya Arpan - Kavita Panthi
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Kavita Panthi

'Writer Kavu'

मैं सपनों की कलम से लिखी एक अनसुलझी कविता हूं।।
~ कविता

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  • कविताअतुकांत कविता

    तुम बन जाना मेरी होली

    • Added 5 months ago
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    • 75
    • 3 Mins Read

    तुम बन जाओ मेरी होली,
    और मैं तेरे रंग बन जाऊं,

    तुझको मुझमें रंगते रंगते,
    मैं तेरे रंग में रंग जाऊं।

    आती है जब फाग तो धरती का आंचल केसरिया रंग से रंग जाता है,
    आग लगी हो कानन में जैसे,
    वैसे ही पलाश
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    तुम बन जाना मेरी होली ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    आते कल का सपना देखा था

    • Added 6 months ago
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    • 91
    • 11 Mins Read

    दूर कहीं इक रास्ते पर इक दिन मैंने मुझको देखा था,
    आज का सपना बुनते बुनते, इक आते कल का सपना देखा था।
    जानी पहचानी सी आवाज मेरी थी कांप रही,
    और लड़खड़ाते कदम धीरे धीरे आगे बढ़ते थे।
    शायद दिन भर तीखी
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    आते कल का सपना देखा था ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    आसान नहीं है

    • Added 6 months ago
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    • 27
    • 5 Mins Read

    शीर्षक - आसान नहीं है
    कविता - मुझे समझ पाना आसान नहीं, मैं तो खुद से भी अंजान सी हूं।
    कभी दिन का उजला सबेरा, तो कभी अंधेरे में ढलती शाम सी हूं।।
    मुझे समझ पाना आसान नहीं, मैं तो खुद से भी अंजान सी हूं।
    रोशनी
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    आसान नहीं है ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    पार्थ तुम्हें भी बनना होगा

    • Added 6 months ago
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    • 118
    • 8 Mins Read

    शीर्षक - पार्थ तुम्हें भी बनना होगा
    कविता - माधव रूपी ईश्वर को सारा संसार पाना चाह रहा है, पर क्या ईश्वर को यूं ही पाया जा सकता है?
    पावन ना हो जब चित ही तेरा, तो क्या माधव को हृदय में बसाया जा सकता है?
    संसार
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    पार्थ तुम्हें भी बनना होगा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मित्र माधव

    • Added 6 months ago
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    • 41
    • 4 Mins Read

    जय भोलेनाथ 🙏🏻, साहित्य अर्पण पर मैं अपनी रचनाओं की शुरुवात करना चाहती हूं, ऐसे में अगर ये शुरुवात भगवान कृष्ण के नाम से हो तो इससे भला क्या हो सकता है।

    शीर्षक - "मित्र माधव"
    कविता - माधव सा मित्र हुआ
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    मित्र माधव ,<span>अतुकांत कविता</span>
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