मैं सपनों की कलम से लिखी एक अनसुलझी कविता हूं।।
~ कविता
#Followers 1
#Posts 5
#Likes 1
#Comments 0
#Views 352
#Competition Participated 0
#Competition Won 0
Writer Points 1770
#Posts Read 17
#Posts Liked 0
#Comments Added 0
#Following 1
Reader Points 85
London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
तुम बन जाओ मेरी होली,
और मैं तेरे रंग बन जाऊं,
तुझको मुझमें रंगते रंगते,
मैं तेरे रंग में रंग जाऊं।
आती है जब फाग तो धरती का आंचल केसरिया रंग से रंग जाता है,
आग लगी हो कानन में जैसे,
वैसे ही पलाश
Read More
कविताअतुकांत कविता
दूर कहीं इक रास्ते पर इक दिन मैंने मुझको देखा था,
आज का सपना बुनते बुनते, इक आते कल का सपना देखा था।
जानी पहचानी सी आवाज मेरी थी कांप रही,
और लड़खड़ाते कदम धीरे धीरे आगे बढ़ते थे।
शायद दिन भर तीखी
Read More
कविताअतुकांत कविता
शीर्षक - आसान नहीं है
कविता - मुझे समझ पाना आसान नहीं, मैं तो खुद से भी अंजान सी हूं।
कभी दिन का उजला सबेरा, तो कभी अंधेरे में ढलती शाम सी हूं।।
मुझे समझ पाना आसान नहीं, मैं तो खुद से भी अंजान सी हूं।
रोशनी
Read More
कविताअतुकांत कविता
शीर्षक - पार्थ तुम्हें भी बनना होगा
कविता - माधव रूपी ईश्वर को सारा संसार पाना चाह रहा है, पर क्या ईश्वर को यूं ही पाया जा सकता है?
पावन ना हो जब चित ही तेरा, तो क्या माधव को हृदय में बसाया जा सकता है?
संसार
Read More
कविताअतुकांत कविता
जय भोलेनाथ 🙏🏻, साहित्य अर्पण पर मैं अपनी रचनाओं की शुरुवात करना चाहती हूं, ऐसे में अगर ये शुरुवात भगवान कृष्ण के नाम से हो तो इससे भला क्या हो सकता है।
शीर्षक - "मित्र माधव"
कविता - माधव सा मित्र हुआ
Read More