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कर लो कर्म अभी - Sonam Puneet (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

कर लो कर्म अभी

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  • 3 Min Read

कर लो कर्म अभी
____________


हमारा कार्य है
कर्म करना

कर्म वही जो
आत्मा को तृप्त करे

कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है
धर्म ही कर्म को
सही मार्गदर्शित करेगा

हम अपना कर्म करेंगे
धर्म की राह पर चलेंगे

भविष्य की चिंता में
अतीत के दामन में

वर्तमान को नष्ट नहीं करेंगे
अतीत हावी हो जाय
वर्तमान और भविष्य पर
ऐसा कार्य नहीं करेंगे

जो बीत गया
उसे बदल नहीं सकते

वे विवशता थी
या थी अनहोनी

वर्तमान भविष्य को
होना है अतितमय

कर लो कर्म अभी
हो जाए अतीत सुखमय
__ सोनम पुनीत दुबे

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