Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हिज्र-ओ-विसाल का सिलसिला रह गया - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हिज्र-ओ-विसाल का सिलसिला रह गया

  • 99
  • 1 Min Read

हिज्र-ओ-विसाल का सिलसिला रह गया,
पास आए मग़र "बशर" फासला रह गया!
डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"

InCollage_20240111_175451354_1710010828.png
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg