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तेरी अपनी चुस्ती से - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तेरी अपनी चुस्ती से

  • 49
  • 1 Min Read

उम्मीदें तेरी हो गई अपाहिज तेरी अपनी सुस्ती से
देर न कर दुरुस्त कर आरज़ू तेरी अपनी चुस्ती से

© डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर" 🍁

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