Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
"राहें और मंजिल" - Nalini Tiwari (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

"राहें और मंजिल"

  • 56
  • 2 Min Read

"राहें और मंजिल"

हाथों की लकीर सी राहें,
नसीब सी मेरी मंज़िल...

उमड़ती काली बदरी सी राहें,
बरखा सी मेरी मंज़िल....

ख्यालों के सैलाब सी राहें ,
कविता सी मेरी मंज़िल...

खग के बिखरे तिनकों सी राहें,
नीड़ सी मेरी मंज़िल....

घड़ी की सुइयों सी राहें,
समय सी मेरी मंज़िल....

जीवन की भगदड़ सी राहें,
मौत सी मेरी मंज़िल....

नैनों की तलाश सी राहें,
"तुम" सी मेरी मंज़िल....

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg