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तुमको मुबारक ये जहाँ - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तुमको मुबारक ये जहाँ

  • 96
  • 1 Min Read

बस इक "बशर" तेरे सिवा
सारे के सारे फ़रिश्ते हैं यहाँ
इन सब को बहिश्त मुबारक
और तुमको मुबारक ये जहाँ

© डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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ये ज़िन्दगी के रेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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