कविताअतुकांत कविता
*हिंदी ही अपनायें*
नयी सोच नया बदलाव लाएं
हर जगह अब हिंदी ही अपनायें
हिंदी हमारी शान है
हमको इसपर अभिमान है
तिरंगा अगर शान है तो
हिंदी हमारा अभिमान है
हिंदी को उपेक्षा से बचाए
आओ सब मिलकर कसम खाएं
एक सुत्र से सबको बांधती हिंदी
हमें जन जन तक पहुंचाती हिंदी
भारत की मातृभाषा है हिंदी
लोगों के दिल तक पहुंचने का रास्ता है हिंदी
निक्की शर्मा रश्मि
मुम्बई